Friday, November 6, 2015

बपतिस्मा के सम्बन्ध में About the baptism रियल बपतिस्मा क्या है

 ना जाने लोग क्यूँ आपस में बार्तालाप करते हैं कि वप्तिस्मा ऐसे नहीं  ऐसे होता है या उसके नाम से नहीं उसके नाम से होता है, कहने का तात्पर्य यह है की कुछ लोग कहते हैं की वप्तिस्मा येशू के नाम से दिया जाना चाहिये और कुछ लोग कहते हैं की वप्तिस्मा पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से दिया जाना चाहिये....?
बड़े दुख की बात है की लोग सिर्फ़ बहस करने में ब्यस्त हैं ना कि प्रार्थना करने और पापो की क्षमा माँगने में, पर अगर हमें बाकी में यह जानना है की सही वप्तिस्मा कौन सा है तो  हमें चाहिये की हम बाइबल को पड़े ना कि बहस करें वहाँ हमें सारी जानकारी मिल जायगी...

आइये जानते हैं उन लोगो के बारे में जो यह कहते हैं की वप्तिस्मा केवल येशू के नाम से दिया जाना चाहिये, क्यूँ कहते हैं वो लोग ऐसा....? 

(पतरस ने उनसे कहा मन फिराओ और तुममे से हर एक अपने-अपने पापो की क्षमा के लिये येशू मसीह के नाम  से वप्तिस्मा ले, तो तुम पवित्र आत्मा का दान पाओगे- प्रेरितो के काम 2:38)

जब पतरस ने उनसे कहा की येशू के नाम से वप्तिस्मा लो तो उसी दिन तीन हज़ार लोगों ने वप्तिस्मा लिया,- प्रेरितो के काम-2:41

पर यह स्पष्ट नहीं कह सकते के उन्हें जो बपतिस्मा दिया गया वो पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से  दिया गया था या फिर सिर्फ येशु के नाम से दिया था, क्यूंकि स्पष्ट नहीं लिखा

यह बात बिल्कुल सही है कि बाइबल में कहीं पर भी पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा का वप्तिस्मा नहीं हुआ, पर स्पष्ट रूप से यह भी नहीं लिखा की बपतिस्मा केवल येशु के नाम से हुआ हो....


पर हम ज़रा देखे येशू मसीह ने वप्तिस्मा के बारे में क्या कहा था....

इसलिये तुम जाओ, सब जाती के लोगों को चेला बनाओ, और उन्हे पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बप्तिस्मा दो- मत्ती 28:19

अब सबाल यह उठता है की जब येशू मसीह 
का यह कहना था तो इसको पूरा क्यूँ नही किया गया...?

इस सबाल को हम यहीं पर रोकते हैं क्योंकि इसका जबाब हम लास्ट में देखेंगे, इससे पहले हम मनन करते हैं उन लोगों के संबन्ध में जो कहते हैं कि वप्तिस्मा पिता, पुत्र और पबित्र आत्मा के नाम से ही होना चाहिये मत्ती-28:19 के तहत, 

जबकि बाइबल में स्पष्ट रूप से नहीं लिखा कि वप्तिस्मा पिता, पुत्र और पबित्र आत्मा के नाम से या सिर्फ येशु के नाम से हुआ हो, पर हो सकता है की उस समय भी वप्तिस्मे पिता, पुत्र और पबित्र आत्मा के नाम से हुऐ हों, या फिर सिर्फ येशु के नाम से हुए हो, चूँकि लिखा है की अगर बचन पूरा लिखा जाता तो संसार में न समाता

पर हमें स्पष्ट रूप से जानने की आवश्यक्ता है और इसके लियें हमें फिर से बहीं पर जाना होगा जहां पर तीन हजार लोगों ने वप्तिस्मा लिया था...

प्रेरितों के काम-2:38 को फिर से देखिये यहां पर क्या लिखा है, यहां पर पहली बात कही गयी की मन फिराओ, दूसरी बात की यीशु के नाम का वप्तिस्मा लो और तीसरी बात में एक वायदा है कि तब तुम पबित्र आत्मा का दान पाओगे.....

अब चलिये प्रेरितों के काम-8:14-16

14 में पतरस और युहन्ना को उन लोगों के पास भेजा गया जो वप्तिस्मा ले चुके थे,
15 में उन्होंने उन लोगों के लियें प्रार्थना की कि बह पबित्र आत्मा पायें,
अब सबाल यह उठता है कि जब 2:38 में एक जो वायदा किया गया था कि यीशु के नाम से वप्तिस्मा लो तो पबित्र आत्मा का दान पाओगे..
तो पबित्र आत्मा क्यों नहीं मिला..?

जबाब- 16 में कहा गया हे कि क्योंकि उन्होंने तो केवल यीशु के नाम से वप्तिस्मा लिया था...
जबकि यीशु मसीह का कहना है कि पिता, पुत्र और पबित्र के नाम से वप्तिस्मा दो, क्योंकि...

पिता का नाम- यहोवा
पुत्र का नाम- यीशु मसीह
पबित्र आत्मा का नाम- सत्य का आत्मा

झूठा कोन है.? केवल वह जो यीशु के मसीह होने से इंकार करता है, और मसीह का विरोधी वही है, जो पिता का और पुत्र का इंकार करता है- 
१ युहन्ना-2:22

अब चेलो का मतलब था कि लोगों को किसी भी तरीके से मसीह में लाया जाये, क्योंकि उस समय के लोगों में सिर्फ युहन्ना के वप्तिस्मा का भूत सवार था, या यह कहें कि वह लोग लकीर के फकीर हो गये थे,
यानि पुरानी व्यावस्था को ही पकड़े हुए थे और मन नहीं फिरा रहै थे,

चेलो ने मसीह की बात को नहीं बदला, क्यूंकि बपतिस्मा लेने से पहले यह विश्वास करना जरुरी है की प्रभु येशु मसीह ही परमेश्वर का पुत्र है- (प्रेरितों के काम-8:37-38)और उस समय के लोग (खासकर के यहूदी लोग) येशु को परमेश्वर का पुत्र मानने के लिए तैयार नहीं थे, और चेलों का मकसद था की कैसे भी लोग मसिहयत में आयें, इसलिए चेलों ने येशु के नाम के बपतिस्मा का प्रचार किया

और वाद में चेलों ने भी दोबारा वप्तिस्मा लिया था-प्रेरितों के काम- 19:1-7


वप्तिस्मा का अर्थ-  मरकुस- 16:16- उध्दार
                       रोमियों- 6:3-4- नई चाल
                      कुलुस्सियो-2:12-पाप में मारना और विश्वास में जी उठना 

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