हर जन्मदिन का मतलब सिर्फ यह है कि जिंदगी का एक साल और कम हो गया । इतना समय कब बीत गया पता ही नही चला, वक्त के हाथों से फिसलने का अंदाज़ा हमें उम्र की गणना करने पर ही लगता है, इसलिए कोई हैरत की बात नही कि हम मनुष्यों ने हाथों से निकलते जा रहे वक्त के प्रतीक जन्मदिन को एक उत्सव में बदलने की कला विकसित कर ली।
एक ऐसा उत्सव जिसकी पूरी परिकल्पना झूठ पर खड़ी है। फिर भी रात बारह बजे से फेसबुक के इनबाक्स और वाल, मोबाइल व अन्य सोशल मीडिया पर जन्मदिन की बधाइयां जिस रफ्तार से आनी शुरू हुईं तो मन का एक कोना कहीं भीग गया।
इतने अच्छे दोस्त और शुभचिन्तक कब बन गए पता ही नहीं चला। यह बेशक एक अत्यंत मीठा अहसास है। इसी मिठास के साथ मैं उन अपने तमाम जाने-अनजाने मित्रों को दिल से साधुवाद देता हूं जिन्होंने मुझे मेरे जन्मदिन पर शुभकामनाओं के असंख्य फूल भेंट कर मेरा दिन बना दिया ।
मैं बहुत खुशी और आदर के साथ आप सब के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ। आशा करता हूं कि आपका स्नेह, सहयोग, मार्गदर्शन और आशीर्वाद सदैव मुझे इसी तरह मिलता रहेगा।
“ एहसान मेरे दिल पे तुम्हारा है दोस्तों
ये दिल तुम्हारे प्यार का मारा है दोस्तों”
शुक्रिया.
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