जो इन बातों की गवाही देता है, वह यह कहता है, हां मैं शीघ्र आने वाला हूं। - प्रकाशितवाक्य:22:20
मेरे प्यारे भाइयो और बहनो--------जय मसीह की
हमारे प्रभु के ये शब्द हमें स्मरण दिलाते हैं कि हमें अपने साथ ले जाने के लिए वह आने वाला है। जब परमेश्वर इस आशवासन पर इतना ज़ोर दे कर अपने वचन के प्रकाशन का अन्त करता है, तो हमें उस के इस वायदे की आशा को सदा अपने मन में बनाए रखना चाहिए।
इस लालसा से कि हम अपने उद्धारकर्ता को देखेंगे, उस के समान हो जाएंगे और उस के साथ अनन्त काल तक रहेंगे, हमें प्रेर्णा मिलनी चाहिए कि हम अपने प्रभु की सेवाकाई में तत्पर और कार्यरत रहें।
भाइयो-बहनो इस पापमय संसार में हमारे लिए यह बहुत सरल होता है कि अपने आस-पास की परिस्थितियों और संसार की घटनाओं से निराश हो कर हम अपनी स्वर्गीय दृष्टी को कमज़ोर हो जाने दें और अपनी इस आशा पर से ध्यान हटा लें।
किंतु हर परिस्थिति में, मसीह के दूसरे आगमन और उससे मिलन की आशा निरंतर प्रत्येक मसीही विश्वासी के मन में जलती रहनी चाहिए।
प्रेरित पौलुस ने भी इस संबंध में लिखा, "पर हमारा स्वदेश स्वर्ग पर है; और हम अपने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के वहां से आने की बाट जोह रहे हैं।
वह अपनी शक्ति के उस प्रभाव के अनुसार जिस के द्वारा वह सब वस्तुओं को अपने वश में कर सकता है, हमारी दीन-हीन देह का रूप बदल कर, अपनी महिमा की देह के अनुकूल बना देगा" (फिलिप्पियों 3:20,21)।
उसके वचन के अन्त में लिखे गए प्रभु यीशु मसीह के ये शब्द, "हां मैं शीघ्र आने वाला हूं" हमें हर परिस्थिति में अपने विश्वास की आशा को बनाए रखने और अपने विश्वास के अनुरूप जीवन व्यतीत करने में प्रेर्णादायक हैं। -
✿हमारी महिमा की आशा हमें पवित्रता की आवश्यक्ता का स्मरण दिलाती रहती है।✿
‘’परमेश्वर की स्तुति हो ‘’
मेरे प्यारे भाइयो और बहनो--------जय मसीह की
हमारे प्रभु के ये शब्द हमें स्मरण दिलाते हैं कि हमें अपने साथ ले जाने के लिए वह आने वाला है। जब परमेश्वर इस आशवासन पर इतना ज़ोर दे कर अपने वचन के प्रकाशन का अन्त करता है, तो हमें उस के इस वायदे की आशा को सदा अपने मन में बनाए रखना चाहिए।
इस लालसा से कि हम अपने उद्धारकर्ता को देखेंगे, उस के समान हो जाएंगे और उस के साथ अनन्त काल तक रहेंगे, हमें प्रेर्णा मिलनी चाहिए कि हम अपने प्रभु की सेवाकाई में तत्पर और कार्यरत रहें।
भाइयो-बहनो इस पापमय संसार में हमारे लिए यह बहुत सरल होता है कि अपने आस-पास की परिस्थितियों और संसार की घटनाओं से निराश हो कर हम अपनी स्वर्गीय दृष्टी को कमज़ोर हो जाने दें और अपनी इस आशा पर से ध्यान हटा लें।
किंतु हर परिस्थिति में, मसीह के दूसरे आगमन और उससे मिलन की आशा निरंतर प्रत्येक मसीही विश्वासी के मन में जलती रहनी चाहिए।
प्रेरित पौलुस ने भी इस संबंध में लिखा, "पर हमारा स्वदेश स्वर्ग पर है; और हम अपने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के वहां से आने की बाट जोह रहे हैं।
वह अपनी शक्ति के उस प्रभाव के अनुसार जिस के द्वारा वह सब वस्तुओं को अपने वश में कर सकता है, हमारी दीन-हीन देह का रूप बदल कर, अपनी महिमा की देह के अनुकूल बना देगा" (फिलिप्पियों 3:20,21)।
उसके वचन के अन्त में लिखे गए प्रभु यीशु मसीह के ये शब्द, "हां मैं शीघ्र आने वाला हूं" हमें हर परिस्थिति में अपने विश्वास की आशा को बनाए रखने और अपने विश्वास के अनुरूप जीवन व्यतीत करने में प्रेर्णादायक हैं। -
✿हमारी महिमा की आशा हमें पवित्रता की आवश्यक्ता का स्मरण दिलाती रहती है।✿
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