Saturday, November 14, 2015

पति और पत्नी का जीवन कैसे होना चाहिए ? THE REAL MARRIED LIFE

बाइबिल हमें बताती हैं की पत्नी को अपने पति के अधीन रहना चाहिए ! जैसे की वह यीशु मसीह के अधीन हैं ! और पति को अपनी पत्नी सें प्रेम करना ज़रूरी हैं जैसा की यीशु मसीह नें अपने कलिसिया सें  प्रेम किया हैं !   ( इफिसियों की पत्री 5:22-33 ).

इसका मतलब हैं की पति और पत्नी को जोड़ने वाला 🌹यीशु मसीहा🌹 ही हैं ! इसीलिए दोनों को अपने जीवन मै प्रभु यीशु को महत्व देंना चाहिए ! अपना ध्यान मसिही बातों पर लगाना चाहिए न की इस संसार की बातों पर !

ईसाई पति और पत्नी को एक-दूसरों को सम्मान देंना ज़रूरी हैं ! दोनों को एक-दूसरे की भावनाओं और विचारों को समझना ज़रूरी हैं !

👆और एक ज़रूरी बात ;
पति और पत्नीको एक-दूसरों को वक़्त देंना बहुत ज़रूरी हैं !


लेकिन अक्सर यह देखा गया हैं की आजकल पति और पत्नी दोनों जॉब करते हैं ! और ड्यूटी टाइमिंग की वज़ह सें एक-दूसरों को वक़्त नहीँ दें पाते ! इसी कारण दोनों के बीच में तनाव निर्माण होता हैं ! फिर वो अपनी ख़ुशी दूसरी चीजों में, दूसरें लोगों में ढूँढ़ने लगते हैं ! और फिर यह वज़ह बन जाती हैं कीं वो विवाह के बाहर संबध बनाने कीं सोचते हैं ! आजकल बड़े-बड़े शहरोंमें " Live-in Relationships और Extra marital affairs " एक common सी बात होंगयी हैं !

मगर मसीही फॅमिली को ऐसी चीजों सें सावधान और दूर रहना चाहिए !

इसीलिए जितना समय मिलें उतना समय पति और पत्नी को प्रार्थना में लगाना चाहिए क्योंकि प्रार्थना हीं मसीही जीवन का आधार हैं !

अंग्रेज़ी में इक कहावत हैं :

 "The Family Prays Together. . . . . . . Stays Together ! "

" जो फॅमिली एकसाथ प्रार्थना करतीं हैं ;
वह हमेशा एकसाथ रहती हैं ! "

जब पति और पत्नी दोनों मिलकर यीशु मसीह को अपना हमसफ़र बनालें तो ज़िंदगी. . .सिर्फ़ ज़िंदगी नहीँ रह जाती हैं वह स्वर्ग बन जाती हैं !

क्योंकि जिस घरमें यीशु मसीह हैं वो स्वर्ग ही तो हैं !

हम आज यह दुआ करते हैं की सभी पति और पत्नी 💑 को जोड़नें वाली कड़ी यीशु मसीह ही हों. . . . !

और वो हरदम आपके साथ रहे !
प्रभु आपको आशीष देंता रहें !
आमीन !

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