यीशु की कब्र पर 11 पहरेदार रखवाली के लिए नियुक्त किए गए थे ।
यीशु की क्रूस की मृत्यु की भविष्यवाणी ईसा पूर्व सन् 1012 मे की गई थी।
यीशु 6 घण्टे क्रूस पर जीवित अवस्था मेँ लटके रहे,उसके बाद उसने प्राण त्यागे।
यीशु का काँटो का ताज लुसीयस नामक सूबेदार ने बनाया था। उसके पिता का नाम लेपिडस हवलदार था। यह ताज स्पाइना क्राइस्टी नामक झाड़ी के काँटो से बना था। आज भी यह झाड़ी केवल होलीलैण्ड मेँ उगती है, पहले इसके झाड़ियोँ मेँ कोई फूल नहीँ खिलती थी। पर यीशु के ताज पहनने के बाद इसमे लाल छोटे छोटे खून के बूंद की तरह फूल उगने लगेँ।
विश्व प्रसिद्ध इतिहासकार, यीशु के समकालीन जोसफस ने यीशु का क्रसीकरण व मंदिर का परदा फटना अपनी आंखोँ से देखा और उसका पूर्ण विवरण लिखा। यह 70 फीट लम्बा ,30 फीट चौड़ा और 40 इंच मोटा था।
यह परदा प्रभु यीशु के मानवीय शरीर का प्रतीक था। परदा फटते ही प्रभु यीशु ने अपना मानव शरीर त्याग दिया।
क्रूस पर यीशु की मृत्यु होने पर मंदिर का परदा फट गया। यह अनोखी घटना था। यरूशलेम मे यह मंदिर दाऊद के पूत्र सुलेमान ने बनवाया और वाचा का सन्दूक की स्थापना किया गया। यह परदा 40 हाथ लम्बा, मखमल के मोटे कपड़े का लाल,नीला और बैंगनी रंग का था। यह सोने चाँदी के तारोँ के तारो से गूंथा हुआ, घंटियोँ के आकार के सोने के तार जड़ा, अनार के आकार कढ़ाई वाला था।
परदे पर यहोवा के लिए पवित्र लिखा था।
परदे के पीछे वाचा का संदूक था, जिसके ऊपर पंख फैलाए,सोने से बने दो करूबोँ की प्रतिमा थी।
यीशु की क्रूस पर मृत्यु के बाद जब परदा फटा, तब वाचा का संदूक वहां नही था।
बाद मेँ वाचा का संदूक स्वर्ग मेँ दिखाई दिया। [प्र॰वा॰11:19]
वाचा का संदूक,एकमात्र ऐसी वस्तु है जो पृथ्वी पर बनी और स्वर्ग मेँ पहुँचाई गई। समझा जाता है कि जब करूबोँ को वाचा संदूक स्वर्ग मेँ पहुँचाने की आज्ञा हुई,तब वाचा का संदूक उठने के साथ ही परदा फट गया।
जर्मनी के सबाँक चर्च की बेदी पर एक सलीब ऐसी रखी हुई जो एक पेड़ के तने और उसकी टहनियोँ से अपने आप बनी है।
इस सलीब को 300 वर्ष से अधिक हो गए, पर इसके प्राकृतिक पत्ते आज भी हरे-भरे है
यीशु की क्रूस की मृत्यु की भविष्यवाणी ईसा पूर्व सन् 1012 मे की गई थी।
यीशु 6 घण्टे क्रूस पर जीवित अवस्था मेँ लटके रहे,उसके बाद उसने प्राण त्यागे।
यीशु का काँटो का ताज लुसीयस नामक सूबेदार ने बनाया था। उसके पिता का नाम लेपिडस हवलदार था। यह ताज स्पाइना क्राइस्टी नामक झाड़ी के काँटो से बना था। आज भी यह झाड़ी केवल होलीलैण्ड मेँ उगती है, पहले इसके झाड़ियोँ मेँ कोई फूल नहीँ खिलती थी। पर यीशु के ताज पहनने के बाद इसमे लाल छोटे छोटे खून के बूंद की तरह फूल उगने लगेँ।
विश्व प्रसिद्ध इतिहासकार, यीशु के समकालीन जोसफस ने यीशु का क्रसीकरण व मंदिर का परदा फटना अपनी आंखोँ से देखा और उसका पूर्ण विवरण लिखा। यह 70 फीट लम्बा ,30 फीट चौड़ा और 40 इंच मोटा था।
यह परदा प्रभु यीशु के मानवीय शरीर का प्रतीक था। परदा फटते ही प्रभु यीशु ने अपना मानव शरीर त्याग दिया।
क्रूस पर यीशु की मृत्यु होने पर मंदिर का परदा फट गया। यह अनोखी घटना था। यरूशलेम मे यह मंदिर दाऊद के पूत्र सुलेमान ने बनवाया और वाचा का सन्दूक की स्थापना किया गया। यह परदा 40 हाथ लम्बा, मखमल के मोटे कपड़े का लाल,नीला और बैंगनी रंग का था। यह सोने चाँदी के तारोँ के तारो से गूंथा हुआ, घंटियोँ के आकार के सोने के तार जड़ा, अनार के आकार कढ़ाई वाला था।
परदे पर यहोवा के लिए पवित्र लिखा था।
परदे के पीछे वाचा का संदूक था, जिसके ऊपर पंख फैलाए,सोने से बने दो करूबोँ की प्रतिमा थी।
यीशु की क्रूस पर मृत्यु के बाद जब परदा फटा, तब वाचा का संदूक वहां नही था।
बाद मेँ वाचा का संदूक स्वर्ग मेँ दिखाई दिया। [प्र॰वा॰11:19]
वाचा का संदूक,एकमात्र ऐसी वस्तु है जो पृथ्वी पर बनी और स्वर्ग मेँ पहुँचाई गई। समझा जाता है कि जब करूबोँ को वाचा संदूक स्वर्ग मेँ पहुँचाने की आज्ञा हुई,तब वाचा का संदूक उठने के साथ ही परदा फट गया।
जर्मनी के सबाँक चर्च की बेदी पर एक सलीब ऐसी रखी हुई जो एक पेड़ के तने और उसकी टहनियोँ से अपने आप बनी है।
इस सलीब को 300 वर्ष से अधिक हो गए, पर इसके प्राकृतिक पत्ते आज भी हरे-भरे है
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