प्रभु यीशु ने कहा तुम वचन और परमेश्वर की सामर्थ्य नहीं जानते इस कारण भूल में पडे हो- (मत्ती 22:29)
वचन से ही हमें जीवन मिलता है- (यूहन्ना 20:31)
वचन हमे पवित्र करता- (यूहन्ना 17:17)
वचन हमारी उन्नति कर सकता है- (प्रेरि. 20:32)
वचन दिल को खुश करता है- (भजन.19:8)
वचन पाप से दूर करता है- (भजन.119:11)
वचन दिलों को आत्मिक गीतों से भरता है- (कुलु. 3:16)
वचन भविष्य के लिए चेतावनी देता है- (1कुरि.10:11-12)
वचन से ही दुष्ट पर जय पाई जा सकती है- (1यूह.2:14)
वचन ही चँगाई देता है- (मत्ती 8:16)
वचन उद्धार प्राप्त करने के लिए बुद्धिमान बनाता है- (1तीम.3:15)
वचन प्रभावशाली है- (1थिस्स. 2:13)
वचन हमारे प्राणों का उद्धार करता है- (याकूब 1:21)
वचन अनन्त जीवन के लिए पक्का विश्वास दिलाता है- (1यूह.5:13)
वचन कभी भी टलता नहीं- (मत्ती 24:35)
वचन को खुदा ने अपने बडे नाम से भी अधिक महत्व दिया- (भजन.138:2)
वचन से ही हमें जीवन मिलता है- (यूहन्ना 20:31)
वचन हमे पवित्र करता- (यूहन्ना 17:17)
वचन हमारी उन्नति कर सकता है- (प्रेरि. 20:32)
वचन दिल को खुश करता है- (भजन.19:8)
वचन पाप से दूर करता है- (भजन.119:11)
वचन दिलों को आत्मिक गीतों से भरता है- (कुलु. 3:16)
वचन भविष्य के लिए चेतावनी देता है- (1कुरि.10:11-12)
वचन से ही दुष्ट पर जय पाई जा सकती है- (1यूह.2:14)
वचन ही चँगाई देता है- (मत्ती 8:16)
वचन उद्धार प्राप्त करने के लिए बुद्धिमान बनाता है- (1तीम.3:15)
वचन प्रभावशाली है- (1थिस्स. 2:13)
वचन हमारे प्राणों का उद्धार करता है- (याकूब 1:21)
वचन अनन्त जीवन के लिए पक्का विश्वास दिलाता है- (1यूह.5:13)
वचन कभी भी टलता नहीं- (मत्ती 24:35)
वचन को खुदा ने अपने बडे नाम से भी अधिक महत्व दिया- (भजन.138:2)
No comments:
Post a Comment