_आप मसीह में क्या हैं ? __**
आपके मुँह से निकले शब्द कितने महत्वपूर्ण हैं पढ़ें
शैतान आपका अंगीकार आपके मुँह से चुराना चाहता है। इसलिये
मैं बिमारी के शब्द मुँह से नहीं बोलता क्योंकि मैं बिमारी पर विश्वास ही नहीं करता।
मैं कभी कमी घटी के बारे में नहीं बोलता क्योंकि मैं कभी कमी घटी पर विश्वास ही नहीं करता
मैं असफलताओं के बारे में कभी नही बोलता क्योंकि मैं असफलताओं पर विश्वास ही नहीं करता
मैं कभी पराजय के विषय में बोलता नहीं क्योंकि मैं पराजय के विषय में विश्वास ही नहीं करता
और परमेश्वर का वचन जो मेरे लिए बोलता है वो ही वचन मैं बार - बार लगातार जोर से बोलता रहता हूँ वचन बड़बड़ा कर बोलता रहता हूँ
आपके अंगीकार से शैतान काँपता है धबराता है भाग जाता है
इसलिये मैं मुँह से बोल कर ये अंगीकार करता रहता रहता हूँ
1 यीशु के कोड़े खाने से मैं चंगा हो गया हूँ।
2 मेरा परमेश्वर मेरी हर एक जरुरतों को पूरा करता है अपनी महिमा के धन के अनुसार प्रभु यीशु मसीह में।
3 यहोवा मेरा चरवाहा है मुझे कोई घटी नहीं है।
4 मेरे पास मसीह का मन है।
5 मैं परमेश्वर की आत्मा की अगुवाई में चलता हूँ।
6 यीशु मेरे लिये परमेश्वर की बुद्धी बन गया।
7 मैं उसी के द्वारा जयवंन्त से भी बढ़ कर हूँ जिसने मुझसे प्यार किया उसमें मैं सब कुछ कर सकता हूँ।
8 मैं परमेश्वर की धार्मिकता हूँ ख्रीष्ट में।
9 मैं नई सृष्टी हूँ महान जन मुझ में वास करता है।
और भी अंगीकार वचन हैं आप जोर से दावे के साथ बोलते रहें और देखें जैसा आप बोल रहें हैं वैसा ही आपके लिये हो जायेगा आमीन
***__ मसीह में मैं कौन हूँ ? __***
मैं स्वीकार किया गया हूँ .......
मैं परमेश्वर की संतान हूँ – युहन्ना 1:12
मैं मसीह का मित्र हूँ – युहन्ना 15:15
मैं धर्मी ठहराया गया हूँ – रोमियो 5:1
मैं मसीह के साथ जुङा हुआ हूँ ( एक आत्मा ) 1 कुरि.6:17
मैं कीमत चुका कर ख़रीदा गया हूँ – 1 कुरि.6:19-20
मैं मसीह की देह का सदस्य हूँ – 1कुरि.12:27
मैं एक सन्त हूँ – इफिसियों 1:1
मैं परमेश्वर द्वारा गोद लिया गया हूँ – इफिसियों 1:5
पवित्र आत्मा द्वारा मेरी परमेश्वर तक पहुँच हुई है – इफिसियों 2:18
मैं छुड़ाया व माफ़ किया गया हूँ – कुलिस्सियों 1:14
मैं मसीह में पूर्ण हूँ – कुलिस्सियों 2:10
***__ मैं विशेष हूँ __***
मैं पृथ्वी का नमक व ज्योति हूँ – मत्ती 5:13,14
मै सच्ची दाखलता की डाली हूँ उसके जीवन का साधन – युहन्ना15:5
मुझे फल लाने के लिए चुना व नियुक्त हुआ है – युहन्ना 15:16
मैं मसीह का व्यक्तिगत गवाह हूँ – प्रेरितों 1:8
मैं परमेश्वर का मंदिर हूँ – 1कुरिन्थियों 3:13
मैं परमेश्वर के लिए मेलमिलाप का सेवक हूँ – 2कुरिन्थियों 5:17-21
मैं परमेश्वर का सहकर्मी हूँ – 2कुरिन्थियों 6:21
मैं मसीह के साथ स्वर्गीय स्थानों में बिठाया गया हूँ – इफिसियों2:6
मैं परमेश्वर की कारीगरी हूँ – इफिसियों 2:10
मैं परमेश्वर के पास स्वतंत्रता व विश्वास से जा सकता हूँ -इफिसियों3:12
मै मसीह द्वारा सब कुछ कर सकता हूँ जो मुझे बल देता है .फ़िलि.४:13
***__ मैं सुरक्षित हूँ __***
मैं दण्ड की आज्ञा से स्वतंत्र हूँ – रोमी. 8:1-2
मुझे भरोसा है सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती हैं – रोमियो 8:28
मैं अपने विरुद्ध किसी भी दोष से स्वतंत्र हूँ – रोमियों 8:31-34
मैं परमेश्वर के प्रेम से अलग नही किया जा सकता – रोमियों 8:35-39
मैं परमेश्वर द्वारा स्थापित, अभिषिक्त व मुहर बंद किया गया हूँ – 2कुरि.1:20-22
मैं मसीह के साथ परमेश्वर में छुपा हुआ हूँ – कुलिस्सियों 3:3
मुझे भरोसा है कि परमेश्वर द्वारा शुरू किया मुझ में भलाई का काम सिद्ध होगा – फ़िलि. 1:6
मैं स्वर्ग का नागरिक हूँ – फ़िलिप्पियों 3:20
मुझे डर का नही बल्कि सामर्थ, प्रेम और शुद्ध मन का आत्मा दिया गया है – 2तिमु. 1:7
मैं जरुरत के समय अनुग्रह व दया पा सकता हूँ – इब्रानियों 4:16
मैं परमेश्वर से उत्पन्न हूँ दुष्ट मुझे छू भी नही सकता 1 युहन्ना 5:18
परमेश्वर का वचन सत्य है शैतान वचन का सामना नही कर सकता
आप अपने अंगीकार को थामे रहें और देखें वचनों को जैसे ही आप दावे के साथ विश्वास के साथ क्लेम करेंगे आप में आपके आस पास के क्षेत्र में परिवर्तन आ जायेगा|
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